राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने भी की शिक्षा महानिदेशालय के प्रस्ताव की निंदा
देहरादून। राजकीय शिक्षक संघ के बाद अब राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा महानिदेशालय के प्रस्ताव की निंदा की है। संगठन का कहना है कि खंड शिक्षा अधिकारियों के खाली पदों का चार्ज मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों को देना न्यायसंगठन नहीं है। अच्छा होता इन पदों के लिए शासन को प्रस्ताव भेजकर नई नियुक्तियां की जाती।
उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के पूर्व संयुक्त मंत्री एवं प्रारंभिक शिक्षक ऋण एवं बचत सहकारी समिति के निवर्तमान अध्यक्ष चंद्र प्रकाश पाल ने कहा, मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों को बीईओ का प्रभार देना शिक्षा व्यवस्था पर सवाल है।
यह प्रस्ताव शिक्षकों और मिनिस्ट्रीयल कर्मचारियों के बीच एक दूसरे के प्रति विरोधाभास बढ़ाने वाला साबित होगा। इसका सबसे अधिक दुष्प्रभाव प्राथमिक शिक्षा पर पड़ेगा। प्रदेश भर में लगभग 50 प्रतिशत उप शिक्षा अधिकारी के पद खाली है। पूर्व अध्यक्ष उत्तराखण्ड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ संदीप सोलंकी का कहना है कि खंड शिक्षा अधिकारी और उप शिक्षा अधिकारी के खाली पदों को भरने के लिए शासन को नियुक्ति का प्रस्ताव भेजना चाहिए था।
इससे बेरोजगारों को रोजगार मिलता। उपाध्यक्ष प्रवीण कुमार ने कहा, यदि प्रभार देना ही यदि विकल्प है तो खंड शिक्षा अधिकारी के खाली पदों पर वरिष्ठतम प्रधानाचार्य और वरिष्ठतम प्रधानाचार्य और वरिष्ठतम प्रवक्ताओं को प्रभारी बनाया जाना चाहिए।
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